Our social:

2017/01/23

अगर आपके पास है ये सिक्का तो रातों रात बन सकतें हैं लखपति !!

एक रूपये के सिक्के से बने रातों - रात लखपति
अगर आपके पास एक रुपये का खास सिक्का है तो यह आपको मालामाल कर सकता है। केवल 1 सिक्के की कीमत तीन लाख रुपये तक हाे सकती है। आश्चर्य चकित मत हाेईये यह सही है। देश के आन्ध्रप्रदेश राज्य में सिक्के की दुकान लगाने वाले व्यापारी के पास इसी तरह कुछ सिक्के संग्रहित किये है जिनमें से 1 रूपये का स्पेशल सिक्का उन्होंने तीन लाख रूपये में बेचा है। यदि आपके पास भी तरह के सिक्के हैं ताे उन्हें अाप भी ऑनलाइन शॉप पर बेच सकते हैं।


भारतीय सिक्के

कौन है व्यापारी
आंध्र प्रदेश राज्य के रहने वाले बी चंद्रशेखर सड़क के बाजू में ऐसे ही सिक्कों की दुकान वर्ल्ड तेलुगू काँफ्रेंस के समाने लगाते हैं वर्ल्ड तेलुगू काँफ्रेंस में होने वाली एग्जीबिशन के दौरान व्यक्ति उनकी दुकान पर इस प्रकार के सिक्कों को खरीदने के लिए आते हैं। और यहीं से उनकी आय होती हैं। एक सिक्के की कीमत तीन लाख रूपये हो सकती है।
क्या थी सिक्के की खासियत
बी चंद्रशेखर ने जो एक रुपए का सिक्का 3 लाख रुपए में बेचा था उसकी खासियत थी कि उसे 1973 में मुंबई मिंट में ढाला गया था। मुंबई मिंट भारत की सबसे पुरानी मिंट में से एक है। इसका निर्माण अंग्रेजों ने किया था। उस वक्त भी मुंबई अंग्रेजों के आर्थिक पहलुओं के लिहाज से अच्छा क्षेत्र था। यहां के बने सिक्कों पर डायमंड शेप का डॉट बना होता है। 65 साल के तमाम सिक्कों का संग्रह बी चन्द्शेखर ने एक अंग्रेजी वेबसाइट को साक्षात्कार के दाैरान कहा था कि उनके पास 65 साल पहले मिंट हुए सिक्के से लेकर तमाम ऐसे सिक्के हैं, जो स्मारक या एेतिहासिक हैं।

एक रूपया सिक्का 1985
एक रूपया सिक्का 1985
दाे लाख रुपए में बेचा एक और सिक्का
बी.चंद्रशेखर ने उसी वक्त एक रुपये का एक और सिक्का दाे लाख रुपए में बेचा था। यह सिक्का सन् 1985 का था, जिस पर देश की पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इन्दिरा गांधी का चित्र छपा हुअा था। इस सिक्के को कोलकाता मिंट में ढाला गया। इसकेअतिरिक्त, दो आने और 50 पैसे का सिक्का भी उन्होंने बेचा था। जिसके लिए उन्हें 70 हजार और 60 हजार रुपए मिले। 24 साल से यही है कारोबार चंद्रशेखर के मुताबिक वह 24 साल से लगातार सिक्के बेचने का बिजनेस कर रहे हैं। उनके पास देश-विदेश से लोग आते हैं, जो ऐसे सिक्कों के शौकीन हैं। चंद्रशेखर के मुताबिक, उनके पास भारत की चारों मिंट(कोलकाता, मुंबई, नोएडा और हैदराबाद) में स्वतंत्र भारत में ढाले गए सिक्के मौजूद हैं।
हैदराबाद मिंट

एक रूपया सिक्का 1950
एक रूपया सिक्का 1950
हैदराबाद मिंट साल 1903 में हैदराबादी निजाम की सरकार ने स्थापित किया था। साल 1950 में भारत सरकार ने इसे अपने अधिकार में ले लिया था।
टूटे डायमंड का चिन्ह
सिक्के में अंकित तारीख के नीचे एक टूटा डायमंड नजर आता है। ये चिन्ह हैदराबाद मिंट का चिन्ह है। हैदराबाद मिंट की शुरुआत में स्टार मार्क का उपयाेग किया गया। बाद में इसे बदलकर डायमंड शेप में लाया गया और उनमें से कुछ सिक्के में टूटा डायमंड भी शामिल है।
नोएडा मिंट
रूपया 1990
रूपया 1990
नोएडा मिंट को 1986 में स्थापित किया था और 1988 से यहां से स्टेनलेस स्टील के सिक्कों का निर्माण शुरू हुआ था।
नोएडा मिंट की खासियत
नोएडा मिंट के सिक्कों पर जहां ढलाई का वर्ष अंकित किया गया है उसके ठीक नीचे छोटा और ठोस डॉट होता है। इसे सबसे पहले 50 पैसे के सिक्के पर बनाया गया था। 1986 में इन सिक्कों पर ये मार्क अंकित किया जाना शुरू हुआ था।
मुंबई मिंट की खासियत
एक रूपया 1976
एक रूपया 1976
यहां के बने सिक्कों पर डायमंड शेप का डॉट बना होता है। यह सिक्के पर ठीक निर्माण वर्ष के नीचे अंकित होता है। सिक्के में लिखी डेट के नीचे बना ‘B’ मार्क भी मुंबई मिंट का ही होता है। सन् 1996 के बाद से ढाले गए कई सिक्को में ‘M’ का निशान बनकर आने लगा। ये सिक्का भी मुंबई मिंट का ही होता है।
कलकत्ता मिंट
रूपया 1999
रूपया 1999

कलकत्ता मिंट की शुरुआत अंग्रेजी हुकूमत के दौरान हुई थी। साल 1859 में पहली बार इस टकसाल में सिक्के ढाला गया। हालांकि, उस समय का बना सिक्का अंग्रेजी हुकूमत अपने साथ ही ले गई थी।
कलकत्ता मिंट की खासियत
कलकत्ता मिंट के सिक्कों पर कोई मिंट मार्क नहीं होता। दरअसल, अंग्रेजी हुकूमत के दौरान से ही कलकत्ता मिंट में जो सिक्के बनते थे उन पर कोई मार्क नहीं था। जबकि मुंबई मिंट शुुरू होने के बाद उनमें मार्क का उपयाेग किया गया था। पहचान के लिए कलकत्ता मिंट के सिक्कों पर कोई मार्क नहीं दिया गया।
कहां बेचे जा सकते हैं ऐसे सिक्के
रूपये 7

अगर आपके पास ऐसे स्मारक सिक्के, पुराने या फिर रेयर सिक्के हैं तो आप उन्हें ऑनलाइन बेच सकते हैं। ईबे, ओएलएक्स और क्विकर जैसी वेबसाइट्स बोली के जरिए इन सिक्कों को बेचती हैं। यहां आप अपना लॉग इन आईडी बनाकर खुद को सेलर बना सकते हैं। सिक्के की कीमत उसकी खासियत के अनुसार तय की जा सकती है।

0 comments:

Post a Comment